22 साल के तिलक वर्मा ने हैम्पशायर के लिए चार काउंटी मैचों में 412 रन बनाकर अपना छोटा लेकिन असरदार सफर खत्म किया। डेब्यू पर एसेक्स के खिलाफ शतक, फिर 56, 47 और 256 गेंदों पर 112—और आखिर में 5। विदाई पर उन्होंने इसे ‘ड्रीम कम ट्रू’ कहा और कहा कि यह अनुभव जिंदगी भर याद रहेगा। यह प्रदर्शन उनकी टेस्ट दावेदारी को मजबूत करता है।
Tilak Varma - कौन हैं और क्यों चर्चा में हैं?
अगर आप क्रिकेट के शौकीन हैं तो नाम सुनते ही दिमाग में "टिलक वरमा" की याद आती होगी। 2004 में जन्मे इस युवा खिलाड़ी ने अभी कुछ ही सालों में भारतीय क्रिकेट में धूम मचा दी है। एक शॉट मचाने वाला बाओ वाइल्ड और सटीक गेंदबाज़, दोनों भूमिकाओं को संभालता है, इसलिए ही उसे ऑलराउंडर कहा जाता है।
पहली बार झलक: घरेलू और U-19 करियर
टिलक ने अपना बल्लेबाज़ी का जलसा बारावा जिले के स्थानीय टूर्नामेंट से शुरू किया। जल्दी ही उसने गुजरात के रणजी ट्रॉफी में चमक दिखा दी और भारत के अंडर‑19 टीम में जगह बना ली। 2022 में अंडर‑19 वर्ल्ड कप में 287 रन बना कर भारत को शिरिष्ठा पर पहुँचाया। उस दौर में उसकी ताकत तेज़ रन बनाना और फाइनल में रसेल मडागा के खिलाफ 79 रनों की पारी ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
IPL में उछाल: मुंबई इंडियन्स के नये सितारे
2023 में टिलक को मुंबई इंडियन्स ने आईपीएल ड्राफ्ट में सिटेड किया। शुरुआती मैचों में भी उसने 30‑40 रन बनाए, लेकिन 2024 के सीज़न में ही उसने 50+ की इन्स्टंट हिट्स से दर्शकों को लोटपोट कर दिया। उसकी बॉलिंग में भी सुधार दिखाई दिया – सीमावर्ती कोनरों में विकेट लेना उसकी नई महारत बन रही है। आजकल लोग उसे "मिड‑ऑर्डर हिट‑मेन" और "बैकअप ऑलराउंडर" दोनों रूप में देखते हैं।
टिलक की बेस्ट स्ट्राइक रेट लगभग 150 है, मतलब हर 100 गेंदों पर 150 रन बनाते हैं। यह आंकड़ा कई अनुभवी खिलाड़ियों से भी बेहतर है। उसकी फील्डिंग भी चमकदार है; तेज़ प्रतिक्रिया और सटीक थ्रो की वजह से कई रन बचा लेता है। इन सभी वजहों से कई एक्सपर्ट्स ने भविष्य में भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनने की संभावना जताई है।
वैरिएंट्स में, टिलक को अक्सर "ट्रायल एनरोल्ड" कहा जाता है क्योंकि वह दबाव में भी शांत रहकर प्ले करता है। जब टीम को जल्दी रनों की जरूरत होती है, तो वह अपने आक्रमण को तेज़ कर देता है। इसी कारण उसे अक्सर हाई‑प्रेशर पर स्थितियों में डाले जाते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में टिलक बहुत सादे और मेहनती हैं। परिवार का समर्थन और कोचिंग अकादमी में प्रशिक्षण ने उसे आज की स्थिति तक पहुंचाया। वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपने ट्रेनिंग वीडियो शेयर करता है, जिससे युवाओं को प्रेरणा मिलती है।
भविष्य की बात करें तो टिलक की सबसे बड़ी चुनौती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रदर्शन करना होगी। अगर वह इस साल के घरेलू सीज़न में 600 से अधिक रन और 10+ विकेट लेकर आए, तो भारतीय selectors पर दबाव बढ़ जाएगा। फिर बात होगी जब वह देश की टीम में जगह बनाएगा और बड़े टूर्नामेंट्स में अपना जलवा दिखाएगा।
तो अगर आप टिलक वरमा के फैन हैं या अभी-अभी उनके बारे में सुन रहे हैं, तो ऊपर बताई गई बातें याद रखें। विश्लेषण, आँकड़े और व्यक्तिगत कहानी – सब मिलकर टिलक को भारतीय क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाते हैं।