इनसाइड न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली।
कांग्रेस का ट्रंप कार्ड मानी जाने वाली प्रियंका गांधी ने अंतत: उप्र विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रचार संभालने को तैयार हो गईं । प्रियंका गांधी आगामी 29 जुलाई को लखनऊ में पार्टी के चुनाव अभियान का आगाज करेंगी। इस दौरान वह पार्टी कार्यकर्ताओं से मुखातिब होंगी। इसमें प्रदेश भर से करीब 60 हजार कार्यकर्ता भाग लेंगे। यह कार्यक्रम रैली की शक्ल में होगा। प्रियंका के साथ राहुल गांधी, राज्य कांग्रेस के प्रभारी महासचिव गुलामनवी आजाद, उप्र में पार्टी की मुख्यमंत्री की उम्मीदवार शीला दीक्षित, प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर समेत राज्य के दिग्गज नेता भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस आलाकमान ने इसकी पुष्टि कर दी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार की कमान संभालने की घोषणा को राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण घटना माना जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ता अर्से से प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन प्रियंका गांधी अपनी मां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और अमेठी में चुनाव प्रचार के अलावा सक्रिय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ऐसा झटका लगा किि वह महज 44 सांसदों पर सिमट कर रह गई। यही नहीं एक एक कर उसके हाथ से दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम जैसे राज्य निकल गए। उत्तराखंड और अरुणाचल सुप्रीम कोर्ट की दखल से जाते- जाते बचे हैं। ऐसे में उप्र विधानसभा चुनाव उसके लिए वजूद का सवाल बन गए है। राज्य में कांग्रेस बीते 27 सालों से सत्ता से बेदखल ही नहीं चौथे नंबर की पार्टी बन कर रह गई है।
कांग्रेस आलाकमान ने इसे गंभीरता से लिया है। यही कारण है कि उसने प्रदेश में अपना खोया जनाधार वापस लाने की जिम्मेदारी एक ओर जहां प्रशांत किशोर को सौंप रखी है। तो दूसरी ओर कभी सबसे मजबूत वोट बैंक रहे ब्राहमणों को वापस लाने के लिए शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित कर अभिनेता से सियासतदां बने राजबब्बर को प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंपकर अब प्रियंका गांधी को चुनाव प्रचार में उतारने का ऐलान कर दिया है। इसका कांग्रेस को लाभ भी हुआ है। कल तक जो कांग्रेस उप्र में मरणासन्न स्थिति में मानी जा रही थी यकायक टॉप चर्चा में आ गई है। शीला दीक्षित को पार्टी का राज्य में चेहरा बनाए जाने को ब्राहमणों ने भी हाथों हाथ लिया है।
बताते हैं कि प्रियंका गांधी के साथ सोनिया और राहुल गांधी भी चुनावी मोर्चा संभालेंगे। सोनिया गांधी दो अगस्त को वाराणसी में रोड शो करेंगी। इसमें एक लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि बूथ प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर की टीम को सौंपी गई है। कांग्रेस की नजर अब अल्पसंख्यक वोटों विेशेष कर मुसलमानों और गैर जाटव दलितों पर है। इसके लिए पार्टी प्रभारी गुलामनवी आजाद और प्रशांत किशोर पूरी शिददत से जुटे हैं। बहरहाल, प्रियंका गांधी के मैदान में आने की घोषणा से उप्र विधानसभा चुनाव के दिलचस्प होने के आसार बढ़ गए हैं।