पीली दाल का मजा
मेरी पसंदीदा भारतीय व्यंजन में पीली दाल को मैंने हमेशा शीर्ष स्थान पर रखा है। इसे बनाने में सामग्री आसानी से उपलब्ध होती है और इसके स्वाद में कुछ खास होता है। इसे रोज खाने से मुझे बोर नहीं होता। दाल चावल का यह संयोजन मेरे लिए स्वर्गीय आनंद है।
दोसा की विविधता
अगर मुझे कोई दूसरा विकल्प चुनना पड़े तो वह होगा दोसा। दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इसकी अपनी एक अलग पहचान है। इसे बनाने के अनेक तरीके होते हैं और हर एक तरीके से इसका स्वाद अद्वितीय होता है। इसे रोज खाने से भी मेरी भूख को संतुष्ट करने में कोई कमी नहीं होती।
चोले भटूरे का जादू
चोले भटूरे के बिना मेरी सूची अधूरी होगी। इसका स्वाद मुझे हर बार बेहद पसंद आता है। इसकी खुशबू और स्वाद के झोंके मुझे कहीं और ले जाते हैं। इसे रोज खाने का विचार मुझे हर बार उत्साहित करता है।
बिरयानी की खुशबू
बिरयानी की खुशबू ही कुछ ऐसी होती है कि मैं इसे रोज खाने का विचार कर सकता हूँ। चाहे वह वेज बिरयानी हो या चिकन बिरयानी, इसका स्वाद मेरे लिए हमेशा नया और ताजगी भरा होता है।
आलू परांठा का अनोखा स्वाद
आलू परांठा का स्वाद भी मेरी सूची में शामिल है। इसे बनाने में सामग्री आसानी से उपलब्ध होती है और इसे रोज खाने से मुझे बोर नहीं होता।
पनीर की सभी व्यंजनें
जब बात हो रोज की भोजन की, तो पनीर की व्यंजनें मेरी सूची में सबसे ऊपर होती हैं। पनीर बटर मसाला, पनीर टिक्का, शाही पनीर, पनीर पाकोड़ा - ये सभी मेरे पसंदीदा हैं।
गोलगप्पे का चटपटा स्वाद
गोलगप्पे का चटपटा स्वाद भी मेरी सूची में शामिल है। इसे खाने का मन कभी भी बन सकता है और इसे रोज खाने से मुझे बोर नहीं होता। यहाँ तक कि मैं इसे अपने घर पर भी बना सकता हूँ।
समोसा की क्रिस्पीनेस
और अंत में, समोसा। इसकी क्रिस्पीनेस और अंदर से निकलने वाली होट आलू की भरवाण रोजाना खाने के लिए पर्याप्त होती है। चाहे वह चाय के साथ हो या फिर सिर्फ अकेले, समोसा का स्वाद हमेशा लाजवाब होता है।
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