पेगासस स्नूपिंग क्या है?

पेगासस स्नूपिंग का मतलब है NSO ग्रुप का Pegasus स्पायवेयर आपके मोबाइल में घुसना और आपके व्यक्तिगत डेटा को चुराना। यह स्पायवेयर बहुत तेज़ और छिपा‑छिपाकर काम करता है, इसलिए अक्सर यूज़र को पता नहीं चलता कि उनका फोन हैक हो गया है।

अगर आपका फोन अचानक बैटरी जल्दी खत्म हो रहा है, या डेटा इस्तेमाल में असामान्य वृद्धि देख रहे हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है। लेकिन कई बार ये लक्षण सामान्य भी हो सकते हैं, इसलिए सिर्फ़ सब्जेक्टिव फीलिंग से काम नहीं चलेगा। हमें जाँच करने के लिए कुछ टूल और तरीके अपनाने पड़ते हैं।

पेगासस कैसे काम करता है?

पेगासस सबसे पहले आपके फोन पर वैध ऐप या मैसेज के ज़रिए प्रवेश करता है। एक बार अंदर पहुँचने के बाद, यह बिना यूज़र की जानकारी के कॉल रिकॉर्ड, मैसेज, लोकेशन और कैमरा तक पहुँच लेता है। यह डेटा सीधे NSO की सर्वर पर भेजा जाता है।

स्पायवेयर का एक ख़ास पहलू है कि यह अपडेट नहीं करता, बल्कि सीधे सिस्टम लेवल पर चलता है, इसलिए एंटीवायरस ऐप्स अक्सर इसे नहीं पकड़े। यही कारण है कि पेगासस को पहचानना मुश्किल होता है।

पेगासस से बचाव के आसान उपाय

सबसे पहले, अपने फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेटेड रखें। नया अपडेट अक्सर पुराने सुरक्षा खामियों को बंद कर देता है। iOS और Android दोनों में नियमित पैच आते हैं, तो अपडेट को अनदेखा न करें।

दूसरा, अनजान लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने से बचें। खासकर अगर वह आपसे फ़्रेंड या परिवार के सदस्य का दिखता हो, लेकिन असली में वह फ़िशिंग हो सकता है।

तीसरा, दो‑स्तर वाली ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्रिय करें। अगर कोई आपके अकाउंट में लॉगिन करने की कोशिश करता है, तो उसे अतिरिक्त कोड देना पड़ेगा, जिससे पेगासस को दूर रखना आसान हो जाता है।

चौथा, भरोसेमंद एंटी‑स्पाइवेयर टूल इस्तेमाल करें। कुछ टूल खास तौर पर Pegasus जैसे एन्हांस्ड थ्रेट्स को स्कैन करने के लिए बनाए गए हैं, जैसे कि Amnesty International का Mobile Verification Toolkit (MVT)। इन टूल्स को चलाकर आप अपने डिवाइस की जाँच कर सकते हैं।

पाँचवा, अगर आप संवेदनशील काम कर रहे हैं (जैसे पत्रकार, वैकल्पिक मीडिया, या एनीटी‑कोरप्शन एक्टिविस्ट), तो एक सेकंड फ़ोन रखें और महत्वपूर्ण डेटा को एन्क्रिप्टेड क्लाउड या हार्ड ड्राइव पर स्टोर करें। इससे अगर एक फोन में हार्डवेयर कॉम्प्रोमाइज़ हो, तो भी डेटा सुरक्षित रहेगा।

इन सब उपायों को अपनाकर आप पेगासस स्नूपिंग के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। याद रखें, सुरक्षा एक बार की चीज नहीं, बल्कि निरन्तर जागरूकता की जरूरत है। अगर आपको यकीन नहीं है कि आपका फोन साफ़ है, तो प्रोफ़ेशनल मदद लेनी चाहिए।

आखिर में, अगर आप नियमित रूप से अपने फोन की जांच करते रहेंगे और ऊपर बताए गए बेसिक सुरक्षा टिप्स फॉलो करेंगे, तो पेगासस जैसी उन्नत स्पायवेयर के ठोकर खाने की सम्भावना काफी कम हो जाएगी। सुरक्षित रहें, और अपने डेटा को बचाए रखें।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पेगासस स्नूपिंग पर?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पेगासस स्नूपिंग पर?

सुप्रीम कोर्ट ने आज पेगासस स्नूपिंग का आदेश दिया है। आदेश के अनुसार, पेगासस के स्नूपिंग प्रक्रिया को संक्षिप्त करने और नियंत्रण के लिए प्रत्येक राज्य में एक सेवा आयोग को स्थापित किया जाएगा। आदेश के अनुसार, प्रत्येक राज्य के सरकार द्वारा गठित सेवा आयोग को स्नूपिंग के क्षेत्र में न्याय प्रदान करने का कार्य संभाला जाएगा।