भारत में जितनी तेजी से आबादी बढ़ रही है लगभग उतनी ही तेजी से डायबटीज ( Diabetes) की बीमारी अपना जाल भारत में फैलाती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत की विशाल आबादी को देखते हुए आने वाले समय में इस बीमारी की संख्या बढ़ना चिंता का असली कारण है। लेकिन इससे भी बड़ी बात है कि ये बीमारी न केवल बूढे लोगों को हो रही है बल्कि अब इसकी चपेट में युवा वर्ग भी धीरे-धीरे आ रहा है।
डॉक्टरों की माने तो इसका सबसे बड़ा कारण लोगों की खाने-पीने की आदतें और उनकी जीवन शैली। इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी लोगों पर इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। इसका एक कारण ये है कि गांव के लोग आज भी देशी घी और शुद्ध चीजों को खातें है। लेकिन इसके उलटे शहरी लोगों ने शुद्ध देशी घी उपलब्ध है और न ही शुद्ध खाना।
लक्षण
जानकारों के मुताबिक मधुमेह से पीड़ित लोगों को अक्सर अधिर भूख और प्यास लगना, अधिर बार पेशाब के लिए जाना, सुस्ती , वन घटना, घावों का देर से भरना, बार-बार एलर्जी होना इसके सामान्य लक्षण हैं।
डायबटीज के उपचार के दौरान नियमित शारीरिक श्रम, तनाव रहित जीवन और संयमित भोजन के जरिए जीवन शैली को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। इतना ही नहीं विशेषज्ञ तो यहां तक मानते हैं कि इसकी रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।